जमाने के रिवाजों से, मैं खुद को दूर रखता हूँ.. मेरी फितरत है ऐसी, कि मैं मजबूर रहता हूँ, नहीं आता गले लगाना किसी रश्म के खातिर, सिहर उठता है, जब मैं किसी का दर्द सुनता हूँ...! मैं दुनियाँ के दिखावों से बहुत हैरान रहता हूँ, सरल हूँ, सादगी अपनी पहचान रखता हूँ, है एक दिन लिपटकर जाना सफेद कपड़ों में, शायर हूँ, शायरी ही अपनी पहचान रखता हूँ..! ©VatsVani करे शिक़वा कोई मेरी, इसका गम नहीं मुझको, मेरी सब बात करते हैं, ये कोई कम नहीं मुझको, करूँ नफरत किसी से मैं, ये हो नहीं सकता, भले ईष्या के गड्ढे में कर दे दफन वो मुझको, उम्मीदों से बस अपनी आस रखता हूँ, दिल की हरकत मैं अपनी दिल को पास रखता हूँ, घिरा हूँ साजिशों से मैं, फिर भी हमेसा खुश रहता हूँ, अन्धेरों में जैसे कोई चिराग रखता हूँ....! Ex:- VickyVats #vickyvats #vatsvani #theshayaruniversity #nojotohindi #shayri #vicky #vats