Nojoto: Largest Storytelling Platform

उसकी ख़ामोशी, चीख़ती रही चिल्लाती रही हज़ारों किये व

उसकी ख़ामोशी, चीख़ती रही चिल्लाती रही

हज़ारों किये वादों की, याद दिलाती रही 

अपनी खुदगर्ज़ी में, वक़्त का मैं हो ना सका 

जो सुनना था उसे, वो सुना न सका
                
              --- Bharat Mishra #RepentInLove #LoveQuotes
उसकी ख़ामोशी, चीख़ती रही चिल्लाती रही

हज़ारों किये वादों की, याद दिलाती रही 

अपनी खुदगर्ज़ी में, वक़्त का मैं हो ना सका 

जो सुनना था उसे, वो सुना न सका
                
              --- Bharat Mishra #RepentInLove #LoveQuotes