उसकी ख़ामोशी, चीख़ती रही चिल्लाती रही हज़ारों किये वादों की, याद दिलाती रही अपनी खुदगर्ज़ी में, वक़्त का मैं हो ना सका जो सुनना था उसे, वो सुना न सका --- Bharat Mishra #RepentInLove #LoveQuotes