क्यो न हम शहर जलाएं हर नारी को आग लगाएं यहां वहां विध्वंस मचाएं क्यो न हम आग लगाएं इनसे नही कभी दम घुटता है इनसे क्या कोई लुटता है लुटती है कुर्सी इन सबकी जब कहीं फटाका फटता है कहीं जलाए किसान पलारी लगे के जल गई दुनिया सारी उठा प्रदूषण सकल ब्रम्हान्ड मे नेताओ की, आ गई जान पे इन टटपुंजीयो को है भाता आगजनी कर, नेता बन जाता वही प्रदूषण के रखवाले नेता अपने ऐसे मतवाले #SadharanManushya #पलारी #प्रदूषण #नेता_ही_प्रदूषण_है #POLLUTED_DELHI क्यो न हम शहर जलाएं हर नारी को आग लगाएं यहां वहां विध्वंस मचाएं क्यो न हम आग लगाएं इनसे नही कभी दम घुटता है इनसे क्या कोई लुटता है लुटती है कुर्सी इन सबकी