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"झरने, नदी, पहाड़ या लहरों की थपेड़ बन जाएंगे रस्त

"झरने, नदी, पहाड़ या लहरों की थपेड़ बन जाएंगे
रस्ते से उतर कर किसी दिन खेतों की मेड़ बन जाएंगे जंगल ने बुलावे भेजे हैं मुझे सो पहले तुमसे पूछता हूँ
तुमने हाँ कहा तो ठीक वर्ना पेड़ बन जाएंगे"

©Rudra magdhey Abhijeet
  इज़हार

इज़हार #Shayari

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