सुप्रभात 🙏🏻
कहानी के चतुर्थ अंश को पढ़ें एवं 16 जून तक कहानी का आख़िरी अंश भी लिखने की कोशिश करूंगी।
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लोगों के मन में लालच फिर एक बार अपने पैर पसार रहा था। वहीं चोर के घर में खुशियाॅं छाई हुई थी। एक तो चोरी की पोटली ऊपर से पचास सोने के सिक्के, और पंचायत से सम्मान मिलेगा जो अलग।
नटवरलाल और सीमा ने सोचा क्यों ना हम इस पोटली में से कुछ सिक्के अपने पास रख लें और इस पोटली को किसी के घर में छुपा आए, और पंचों से कहेंगे कि हमें यह पोटली किसी के #yqdidi#yqhindi#bestyqhindiquotes#yqkahani#मेरी_बै_रा_गी_कलम