इतनी गुत्थी ना रिश्तों की उलझाओ, कि कच्चे धागे बन पल में ही टूट जाओ ॥ कम से कम इक बहाना रखो रिश्तों को मनाने का, कि इक बहाना ही तो था रिश्तों को पल में भुलाने का कम से कम... #कमसेकम #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi