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Delhi Pollution राजनारायण को दुनिया से विदा हुए ब

Delhi Pollution  राजनारायण को दुनिया से विदा हुए बुधवार को पूरे 35 वर्ष बीत गए किंतु उनकी कहानियों के सारांश कभी नहीं आया सही अर्थ में वह राजनीति के पर्याप्त थे उनके चरित्र की अगर कल्पना की जाए तो जमीदार धरने में जमीन जन्म लेने से बावजूद में करीब 10 के करीब खड़े नहीं आएंगे समिति आंकड़े से काफी दूर और स्वभाव से 100% पकड़ सबके लिए सारे समाज सहज सरल उपलब्ध कराने वाले समाजवादी नेता का पूरा जीवन संघर्ष में ही बीता राजनारायण देश में शायद पहले ही ऐसे नेता रहे होंगे जिसने पराधीन भारत से सबसे ज्यादा स्वाधीनता भारत में जिलों की यात्रा 70 वर्ष की जिंदगी में 80 बार जेल गए आजादी से पहले 3 वर्ष जेल में बिताए और आजादी के बाद 14 वर्ष बनारस में संपन्न परिवार में पैदा होकर भी सुकून का नहीं संघर्ष का साथ दिया कहीं भी किसी के साथ अन्य होते देखे तो मंत्री रहते हुए भी आंदोलन में शामिल होने से परहेज नहीं किया पुलिस की गोली से मारे गए एक व्यक्ति के समर्थन में मंत्री रहते हुए भी उन्होंने प्रदर्शन किया राज्य नारायण ने लोकतंत्र की मजबूती के लिए जीवन को समर्पित कर दिया अपना सब कुछ निछावर कर दिया राजनारायण की जीवन के प्रत्येक पन्ने में गंभीर विमर्श के मुद्दे हैं जो लोगों को संघर्ष के लिए प्रेरित पर तथा कर सकते हैं उन्होंने जागृति कर सकते हैं देश की ताकतवर नेता एवं तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व को चुनौती देने के लिए पहले कोर्ट में फिर वोट की चोट से उन्होंने व्रत करने से भी आगे अपनी हुई सरकार को खिलाफ खड़ा ही वो जाने किस हाल में सिर्फ राज नारायण के चरित्र मैं ही मिल सकता है

©Ek villain # लोक कल्याण का माध्यम बने राजनीति
Delhi Pollution  राजनारायण को दुनिया से विदा हुए बुधवार को पूरे 35 वर्ष बीत गए किंतु उनकी कहानियों के सारांश कभी नहीं आया सही अर्थ में वह राजनीति के पर्याप्त थे उनके चरित्र की अगर कल्पना की जाए तो जमीदार धरने में जमीन जन्म लेने से बावजूद में करीब 10 के करीब खड़े नहीं आएंगे समिति आंकड़े से काफी दूर और स्वभाव से 100% पकड़ सबके लिए सारे समाज सहज सरल उपलब्ध कराने वाले समाजवादी नेता का पूरा जीवन संघर्ष में ही बीता राजनारायण देश में शायद पहले ही ऐसे नेता रहे होंगे जिसने पराधीन भारत से सबसे ज्यादा स्वाधीनता भारत में जिलों की यात्रा 70 वर्ष की जिंदगी में 80 बार जेल गए आजादी से पहले 3 वर्ष जेल में बिताए और आजादी के बाद 14 वर्ष बनारस में संपन्न परिवार में पैदा होकर भी सुकून का नहीं संघर्ष का साथ दिया कहीं भी किसी के साथ अन्य होते देखे तो मंत्री रहते हुए भी आंदोलन में शामिल होने से परहेज नहीं किया पुलिस की गोली से मारे गए एक व्यक्ति के समर्थन में मंत्री रहते हुए भी उन्होंने प्रदर्शन किया राज्य नारायण ने लोकतंत्र की मजबूती के लिए जीवन को समर्पित कर दिया अपना सब कुछ निछावर कर दिया राजनारायण की जीवन के प्रत्येक पन्ने में गंभीर विमर्श के मुद्दे हैं जो लोगों को संघर्ष के लिए प्रेरित पर तथा कर सकते हैं उन्होंने जागृति कर सकते हैं देश की ताकतवर नेता एवं तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व को चुनौती देने के लिए पहले कोर्ट में फिर वोट की चोट से उन्होंने व्रत करने से भी आगे अपनी हुई सरकार को खिलाफ खड़ा ही वो जाने किस हाल में सिर्फ राज नारायण के चरित्र मैं ही मिल सकता है

©Ek villain # लोक कल्याण का माध्यम बने राजनीति
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