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दौर-ए-हाज़िर में महबूब से मुलाकात के बाद गुस्ल वा

दौर-ए-हाज़िर में महबूब से मुलाकात के बाद

गुस्ल वाजिब ना हो तो मोहब्बत सच्ची है... sachi mohabbat
दौर-ए-हाज़िर में महबूब से मुलाकात के बाद

गुस्ल वाजिब ना हो तो मोहब्बत सच्ची है... sachi mohabbat