हे गंगाधर लीलाधर,महिमा तेरी निराली हैं। माथे पर हैं चंद्रमा,नंदी पर तेरी सवारी हैं ॥ कंठ में सर्पों की माला,मुर्दों की भस्म लगाते हो। हाथों में त्रिशूल लिये,तुम डमरू सदा बजाते हो॥ त्रिनेत्र धारी शिव शंकर,नाथों के तुम नाथ हो। बम भोले हे नीलकंठ,तुम हम भक्तों के साथ हो॥ आज महाशिवरात्रि,शिवशक्ति मिलन की रात हैं। स्वयंभू कैलाशपति शिव,माँ पार्वती के साथ हैं॥ ©Santosh Malviya(kavi prerak) #महाशिवरात्रि की सुभकामनायें#हर हर शंभु