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वसुधा के वो पुजारी थे, जन जन के वो प्यारे थे.… हर

वसुधा के वो पुजारी थे,
जन जन के वो प्यारे थे.…
हर पक्ष विपक्ष के ऊपर,
भारत के अटल बिहारी थे....
कभी शांत, कभी प्रहारी थे,
       शत्रु भी उनसे हारे थे ....
वो अटल रहे आजीवन भर,
 अपने संकल्प और वाणी पर....
 सच्चे उनके हर वादे थे,
 और नेक उनके इरादे थे....
राहों में असंख्य कांटे थे,
  पर वो कब डरने वाले थे....
 साहस और संयम की प्रतिमा,
     वो अद्भुत प्रतिभाशाली थे....

©Kiran Ahir #अटल बिहारी वाजपेयी
वसुधा के वो पुजारी थे,
जन जन के वो प्यारे थे.…
हर पक्ष विपक्ष के ऊपर,
भारत के अटल बिहारी थे....
कभी शांत, कभी प्रहारी थे,
       शत्रु भी उनसे हारे थे ....
वो अटल रहे आजीवन भर,
 अपने संकल्प और वाणी पर....
 सच्चे उनके हर वादे थे,
 और नेक उनके इरादे थे....
राहों में असंख्य कांटे थे,
  पर वो कब डरने वाले थे....
 साहस और संयम की प्रतिमा,
     वो अद्भुत प्रतिभाशाली थे....

©Kiran Ahir #अटल बिहारी वाजपेयी
kiranahir4609

Kiran Ahir

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#अटल बिहारी वाजपेयी #Poetry