भरोसे से कायम है दुनियां भरोसे के सारे रिश्ते नाते भरोसा गर टूट जाए तो फिर सारे रिश्ते हैं बिखर जाते भरोसे के कांधो पर चढ़कर ही पलता है सारा बचपन भरोसे की गाड़ी पर ही चलते हैं जीवन रूपी दो पहिये साहित्य कक्ष 2.0 प्रतियोगिता संख्या 05/S2 आप सभी का स्वागत 💐 है अनुशीर्षक में ✍️चार(4) पंक्ति में रचना Collab करें 🅽🅾🆃🅴 - अगर कोई रचनाकार नियमों और शर्तों को ध्यान में रखकर Collab नहीं करता है। तो उसकी रचना को हम प्रतियोगिता में सम्मिलित करने में असमर्थ रहेंगे।