ये जिद है मेरी, हरगिज बदल नही सकती। मेरी मर्जी भी मेरे आगे, चल नही सकती।। मेरी जिम्मेदारियों ने, मुझको ऐसे घेरा है, मौत छुकर भी मुझको, निकल नहीं सकती।। उसकी खातिर मैं दूनिया भी बदल सकता हूँ, मेरी खातिर वो मिजाज भी बदल नही सकती।। मैं नाउम्मीद हूँ, पर दिल को है उम्मीद तेरी, जान मुश्किल में है,बाहर निकल नहीं सकती।। ये जिद है मेरी, हरगिज बदल नही सकती। #shayari #Nojoto #Broken #revange #Tranding #poem #SAD #Life #Quote #mukeshguptaquotes G. P. Gupta, Dir. Trust mathematics tutorial Priti Dwivedi Classical gautam Mayur Lawate sakshi CHAUHAN