हम अच्छे हैं, कौन मानता हैं फरेबी दुनिया में सच कौन जानता हैं शक की नज़र से देखते हैं उन्हें भी भोलों को कौन पहचानता हैं हो ही नहीं सकते सच्चे लोग यहाँ चालाकी के तराजू में तोलते हैं उन्हें सभी ©Nisha Bhargava #blind trust