Nojoto: Largest Storytelling Platform

आज कहानी ज़रूर लिखूँगी सोच कर क़लम उठाई, कहानी का

आज कहानी ज़रूर लिखूँगी सोच कर क़लम उठाई, 
कहानी का शीर्षक पड़कर हाथों से क़लम ही छूट गई, 
`बाबा` क्या लिखूँगी उनके लिए, 
जिनका मिलना अब सपनों में भी सम्भव नहीं, 
कैसे पकड़ लू क़लम, 
जब पकड़ा ही नहीं कभी हाथ उनका मेंने, 
ढूँढती हूँ हर रात तारो में उन्हें,
सोच कर की, 
तारो की दुनियाँ में एक तारा होंगे मेरे बाबा भी,

©Anushka Sharma तारो की दुनियाँ में रहते हैं
मुझको अपना आशीर्वाद सदा देते हैं वो 
मेरे बाबा हैं वो.... 
#बाबा #Papa #missyou #Justathought
#alone_soul #sadstory Srishti Tiwari(Shivi) Ankit Dubey (backbenchers) Kaushik Kumar Laughing_soul
आज कहानी ज़रूर लिखूँगी सोच कर क़लम उठाई, 
कहानी का शीर्षक पड़कर हाथों से क़लम ही छूट गई, 
`बाबा` क्या लिखूँगी उनके लिए, 
जिनका मिलना अब सपनों में भी सम्भव नहीं, 
कैसे पकड़ लू क़लम, 
जब पकड़ा ही नहीं कभी हाथ उनका मेंने, 
ढूँढती हूँ हर रात तारो में उन्हें,
सोच कर की, 
तारो की दुनियाँ में एक तारा होंगे मेरे बाबा भी,

©Anushka Sharma तारो की दुनियाँ में रहते हैं
मुझको अपना आशीर्वाद सदा देते हैं वो 
मेरे बाबा हैं वो.... 
#बाबा #Papa #missyou #Justathought
#alone_soul #sadstory Srishti Tiwari(Shivi) Ankit Dubey (backbenchers) Kaushik Kumar Laughing_soul