युं बेवजह किसी को आस दिलाया नहीं करते इस हद तक किसी को सताया नहीं करते जिसका हर एक पल तनहा गुजरे आपकी आवाज के बिना अपनी आवाज के लिए उसे इस कदर तरसाया नहीं करते प्रेमराज नितीश