Nojoto: Largest Storytelling Platform

दुनिया सिमटी है घर के अंदर,ये वायरस कितना दुखदायी

दुनिया सिमटी है घर के अंदर,ये वायरस कितना दुखदायी है।
भयभीत बैठा हर मानव जेहन,कैसी ये विपदा आयी है।
विश्व व्याप्त इस महामारी का भयावहता सर्वविदित है,
पर कुछ लोग न बाज आ रहे,जिनकी सोच सीमित है।
ज्ञात है इस विकराल बीमारी का कोई उपचार नहीं है,
एकाकीपन अपना लो मानव,एकमात्र बचाव यही है।
अगर प्यार है अपने राष्ट्र से,मानवता से और प्रियजन से।
कुछ दिन रोकिये भाव को अपने,न गढ़िए स्वप्न मिलन के।
एक जन की लापरवाही,समूचे जनमानस को तबाह कर सकती है,
हमारे भारत की दशा भी चीन-अमरीका-इटली सी हो सकती है।
समय रहते ही क्यों न लें हम प्रण कि अपने देश को बचाएंगे,
इस मुश्किल क्षण को घर में रह अपने परिवार के संग बिताएंगे।
धोएंगे अपने हाथों को बारम्बार,ना किसी से हाथ मिलाएंगे।
करते है छोटी सी त्याग,घर से बाहर कुछ दिनों के बाद जाएंगे।
इस प्रकृति पर न हक़ है अपना,ये बात खुद को समझाते हैं,
पशु-पंछी पौधों-पेड़ों को भी थोड़ा उनका हक लौटाते हैं।
सोचो उन गरीबों का जो दो जून रोटी को तरसते हैं,
अगर ग्राह्य बन गए कोरोना का तो बच नहीं सकते हैं।
गर डॉक्टर,पुलिस व स्वच्छताकर्मी का हम सहयोग करेंगे,
विश्वास है हम सब इस मुश्किल क्षण से जल्दी ही उबरेंगे।
हर मानव इस वैश्विक महामारी से लड़ने को योद्धा बन सकते हैं।
सिर्फ घर बैठ कुछ नहीं कर,हम बहुत कुछ कर सकते हैं। SAME IN CAPTION👇
दुनिया सिमटी है घर के अंदर,ये वायरस कितना दुखदायी है।
भयभीत बैठा हर मानव जेहन,कैसी ये विपदा आयी है।
विश्व व्याप्त इस महामारी का भयावहता सर्वविदित है,
पर कुछ लोग न बाज आ रहे,जिनकी सोच सीमित है।
ज्ञात है इस विकराल बीमारी का कोई उपचार नहीं है,
एकाकीपन अपना लो मानव,एकमात्र बचाव यही है।
अगर प्यार है अपने राष्ट्र से,मानवता से और प्रियजन से।
दुनिया सिमटी है घर के अंदर,ये वायरस कितना दुखदायी है।
भयभीत बैठा हर मानव जेहन,कैसी ये विपदा आयी है।
विश्व व्याप्त इस महामारी का भयावहता सर्वविदित है,
पर कुछ लोग न बाज आ रहे,जिनकी सोच सीमित है।
ज्ञात है इस विकराल बीमारी का कोई उपचार नहीं है,
एकाकीपन अपना लो मानव,एकमात्र बचाव यही है।
अगर प्यार है अपने राष्ट्र से,मानवता से और प्रियजन से।
कुछ दिन रोकिये भाव को अपने,न गढ़िए स्वप्न मिलन के।
एक जन की लापरवाही,समूचे जनमानस को तबाह कर सकती है,
हमारे भारत की दशा भी चीन-अमरीका-इटली सी हो सकती है।
समय रहते ही क्यों न लें हम प्रण कि अपने देश को बचाएंगे,
इस मुश्किल क्षण को घर में रह अपने परिवार के संग बिताएंगे।
धोएंगे अपने हाथों को बारम्बार,ना किसी से हाथ मिलाएंगे।
करते है छोटी सी त्याग,घर से बाहर कुछ दिनों के बाद जाएंगे।
इस प्रकृति पर न हक़ है अपना,ये बात खुद को समझाते हैं,
पशु-पंछी पौधों-पेड़ों को भी थोड़ा उनका हक लौटाते हैं।
सोचो उन गरीबों का जो दो जून रोटी को तरसते हैं,
अगर ग्राह्य बन गए कोरोना का तो बच नहीं सकते हैं।
गर डॉक्टर,पुलिस व स्वच्छताकर्मी का हम सहयोग करेंगे,
विश्वास है हम सब इस मुश्किल क्षण से जल्दी ही उबरेंगे।
हर मानव इस वैश्विक महामारी से लड़ने को योद्धा बन सकते हैं।
सिर्फ घर बैठ कुछ नहीं कर,हम बहुत कुछ कर सकते हैं। SAME IN CAPTION👇
दुनिया सिमटी है घर के अंदर,ये वायरस कितना दुखदायी है।
भयभीत बैठा हर मानव जेहन,कैसी ये विपदा आयी है।
विश्व व्याप्त इस महामारी का भयावहता सर्वविदित है,
पर कुछ लोग न बाज आ रहे,जिनकी सोच सीमित है।
ज्ञात है इस विकराल बीमारी का कोई उपचार नहीं है,
एकाकीपन अपना लो मानव,एकमात्र बचाव यही है।
अगर प्यार है अपने राष्ट्र से,मानवता से और प्रियजन से।
rupamjha5990

Rupam Jha

New Creator

SAME IN CAPTION👇 दुनिया सिमटी है घर के अंदर,ये वायरस कितना दुखदायी है। भयभीत बैठा हर मानव जेहन,कैसी ये विपदा आयी है। विश्व व्याप्त इस महामारी का भयावहता सर्वविदित है, पर कुछ लोग न बाज आ रहे,जिनकी सोच सीमित है। ज्ञात है इस विकराल बीमारी का कोई उपचार नहीं है, एकाकीपन अपना लो मानव,एकमात्र बचाव यही है। अगर प्यार है अपने राष्ट्र से,मानवता से और प्रियजन से। #yqdidi #yqhindi #staysafe #coronavirus #stayhome #नवरूप #jhapost