छुपा तो लेते हैं अपने ऐब सितमगर, मेकओवर के नए-नए कौशल से। नकली हुस्न के माया जाल में फसाने वाले, और भूल जाते हैं हश्र क्या होगा। जिसे पिलाई थी नशे की बोतल, असली कहकर, वो तो सब नकली थी। खुलेगा राज़ हुस्न की हक़ीक़त का जिस दिन, क़ैद का पिंजरा,पंछी तोड़के निकल जाएगा। ©Anuj Ray #l नकली हुस्न का जाल