“इंतज़ार” कितने मौसम आए और बीत गए पतझड़ और बसंत आए और चले गए मोहब्बत का बहार कभी आया ही नहीं ना कोई वादा था ना ही कोई उम्मीद फिर भी तेरे इंतज़ार हमने अपनी ज़िन्दगी काट दी एक मुलाकात के आस में ज़िन्दगी गुज़ार दी तुम कहो तो उम्र भर क्या साथ जन्म हर जन्म तेरे इंतज़ार में गुज़ार दें तेरे आने के इंतज़ार और याद में हमने ज़िन्दगी गुज़ार दी ना तुम मिले ना तुम्हारी कोई ख़बर मिली ना इंतज़ार की घड़ियाँ खत्म हुईं तुम्हारे आने के इंतज़ार में ना जाने मौत दरवाज़े पर कब आ खड़ी हुई #cinemagraph #कोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #kkdrpanchhisingh #नववर्ष2022