तुम ठीक हो तो करार मे हम हैं,, हाँ जुदा सही मगर प्यार मे हम हैं,, तुम जो देखते हो मुझे मैं वो नहीं हूँ,, तलवार की तरह मयान मे हम हैं,, तुम मिले तो एक बीमारी दे गये,, लाइलाज से इक बुखार मे हम हैं,, तुमसे बिछड़कर ये मोहब्बत क्यों हैं,, आखिर अब किस खुमार मे हम है,, रिश्ते तुल जाते है नोटों के बांटों से,, कि लगता है किसी बाज़ार मे हम हैं,, तुम क्या समझते हो हमें ये जानता हूँ,, किसी ताख की तरह दीवार मे हम हैं,, ©विमल कुमार अग्निहोत्री #gazal #Shayari #Vimal