न बहरा भयो खुदाय, भूत पिशाच जहां भागे, नाद-अजान तो न ज्ञात- भागे नाम हनुमान के आगे, ओ मशीन-लाउडस्पीकर, मनुष्य को ही लिया चपेट, राजनीति का रिंगमास्टर, जैसा चाहे वैसा लपेट - तुमको नचाये और तुम- गलाफाड़ करो शोर, रोओ वैसे ही चिल्ला हां, उतना ही लगाके जोर- भाग्य पे धन्य हुए तुम जीते जी बेजान, अजान छेड़ो या गाओ बजरंगी-हनुमान। ©BANDHETIYA OFFICIAL क्या हनुमान क्या अजान ? #hanumanjayanti