जुल्फ, आंखें,लवों, रुखसार से निकलो । मेरे मुक़ाबिल आना है,तो अपने मयार से निकलो । मुस्कुराकर कब तक दबायोगे गमों को । रोकर के " अज़ीम" अब इस झूठे किरदार से निकलो । azeem khan # इस झूठे किरदार से निकलो#