White हम इंसान दूसरों के सामने चाहे जितने भी भोले, मासूम, नादान या फ़िर अंजान बन कर रहें लेकिन हम ने क्या-क्या किया है और हम क्या-क्या करते हैं ( फ़िर वो चाहे हमारी नेकियाॅं हो या हमारे गुनाह हो ) ये ख़ुद हमारा दिल और हमारा ज़मीर जानता है और हम से भी बेहतर हमारा रब जानता है और वो सब जानता है। लेकिन हमें ये बात भी याद रखनी चाहिए कि, गलतियाॅं और गुनाह भी हम इंसानों से ही होते हैं और अक्सर हम सभी से होते हैं लेकिन फ़िर हम उन गुनाहों पर सोच-सोच कर बस ख़ुद को कोसते रहते हैं या फ़िर ख़ुद से नफ़रत करने लगते हैं लेकिन उस वक़्त हम अपने रब को क्यूँ भूल जाते हैं?? अपनी ग़लतियों और गुनाहों का एहसास हो कर उन पर शर्मिंदा होना ज़रूरी है लेकिन इस वजह से ख़ुद से नफ़रत करते रहना मतलब अपने रब की रहमत पर शक करने जैसा है। हम क्यूॅं भूल जाते हैं कि हमारा बड़े से बड़ा गुनाह भी हमारे रब की रहमत से बड़ा हो ही नहीं सकता । हमारे बड़े से बड़े गुनाह पर भी हमारे रब की रहमत ग़ालिब आ जाती है लेकिन इस के लिए अपने रब की बारगाह में सच्चे दिल से अपने गुनाहों की माफ़ी माॅंगनी पड़ती है, वो भी पुख़्ता यक़ीन के साथ। और यक़ीन के साथ सच्चे दिल से माॅंगी गई माफ़ी और की गई तौबा फ़िर ख़ुद-ब-ख़ुद हमारे बेचैन दिल को सुकून अता करती है। ©Sh@kila Niy@z #basekkhayaal #basyunhi #Insaan #galatiyan_gunaah #Rab #maafi #Taubaa #nojotohindi #Quotes #17Jan