#OpenPoetry दुनियावाले सुनते नहीं ,शिकायत तुझसे करता हूं अकेलेपन में नित नैनों में व्यथित हो आंसू भरता हूं क्या स्वप्न थे मेरे ,किस राह चला प्रश्न हजारों करता हूं , दुनियावाले सुनते नहीं ,शिकायत तुझसे करता हूं पागल सा बन अक्सर खुद से ही बातें करता हूं ज़माने ने ठुकराया है ,फरियाद मैं तुझसे करता हूं दुनियावाले सुनते नहीं, शिकायत तुझसे करता हू कौन सलामत निकला जग से मैं तो रोज़ ही मरता हूं क्या पाया क्या खोया मैंने ,लेखा जोखा करता हूं दुनियावाले सुनते नहीं ,शिकायत तुझसे करता हूं।। #nojotohindi#फरियाद#शिकायत#कविता#openpoetry