Nojoto: Largest Storytelling Platform

"आया आजादी का वह दिन,, "कितने परवाने चढ़ गए सूली प

"आया आजादी का वह दिन,,
"कितने परवाने चढ़ गए सूली पर।
"अंग्रेजों ने कितने जुल्म ढाए थे।
"सोने की चिड़िया,,
 "कहलाने वाले भारत को"
"जाने कितनों ने लूटा,
" फिर भी आज गर्व से खड़ा 
"अपना देश भारत,
"स्वर्णिम आजादी के दिन के लिए,
"जो आज हम सुकून चैन से जी रहे। 
"कितने मासूम नौजवानों ने"
"इस दिन के लिए अपना त्याग किया,
"अपनी जवानी लगा दी आजादी के लिए" 
"अंग्रेजों की गोली से भी ना डरे,, 
"कोड़े खाए हजारों अपने नाजुक बदन में,, 
"आज भी उनके बलिदान को महसूस कर, 
"रूह कांप जाती है। "कैसे दीवाने थे।कैसे 
जोशीले थे।"जिनकी वजह से 
हम आज आजादी भरी सांस ले रहे हैं। चाहे कोई भी धर्म हो कोई भी जाती हो तुम इस भारत में रहते हो तुम पहले भारतवासी हो।

 भारत की संस्कृति युगो युगो से है पुरानी ।

चाहे कुछ भी हो जाए धर्म से पहले इस देश का नागरिक समझो ।
अपने को इस मिट्टी से जोड़ो 
तुम कहीं बाहर देश जाओगे तो तुम अपने जाति और धर्म से नहीं पहचाने जाओगे।
तुम भारतवासी इंडियंस कहलाओगे।
"आया आजादी का वह दिन,,
"कितने परवाने चढ़ गए सूली पर।
"अंग्रेजों ने कितने जुल्म ढाए थे।
"सोने की चिड़िया,,
 "कहलाने वाले भारत को"
"जाने कितनों ने लूटा,
" फिर भी आज गर्व से खड़ा 
"अपना देश भारत,
"स्वर्णिम आजादी के दिन के लिए,
"जो आज हम सुकून चैन से जी रहे। 
"कितने मासूम नौजवानों ने"
"इस दिन के लिए अपना त्याग किया,
"अपनी जवानी लगा दी आजादी के लिए" 
"अंग्रेजों की गोली से भी ना डरे,, 
"कोड़े खाए हजारों अपने नाजुक बदन में,, 
"आज भी उनके बलिदान को महसूस कर, 
"रूह कांप जाती है। "कैसे दीवाने थे।कैसे 
जोशीले थे।"जिनकी वजह से 
हम आज आजादी भरी सांस ले रहे हैं। चाहे कोई भी धर्म हो कोई भी जाती हो तुम इस भारत में रहते हो तुम पहले भारतवासी हो।

 भारत की संस्कृति युगो युगो से है पुरानी ।

चाहे कुछ भी हो जाए धर्म से पहले इस देश का नागरिक समझो ।
अपने को इस मिट्टी से जोड़ो 
तुम कहीं बाहर देश जाओगे तो तुम अपने जाति और धर्म से नहीं पहचाने जाओगे।
तुम भारतवासी इंडियंस कहलाओगे।
vandana6771

Vandana

New Creator