देखते देखते 'शाह' तेरी हर अदा को अपनी शायरी का मै श्रृंगार करूंगा तेरा नाम तो नहीं लूंगा ज़ुबां से लेकिन तेरा जिक्र हर बार करूंगा और हां तू जाने तेरे दिल की मैं तो सरेआम इज़हार करूंगा देख जब भी आना पूरी फुर्सत से आना मैं बड़ी तसल्ली से तेरा इंतज़ार करूंगा #इंतज़ार #शायरी