मोहबत तो बेइंतिहा की है। मगर उसे हासिल करने के लिए दौडूं, ये मेरी शक्सियत नही। मोहबत है कोई हवस नही। बस उसके जिस्म के लिए दौडूं, ये मेरी शक्सियत नही। कइयों के दिल शीशें के होते है। मेरा पत्थर का बनादिया। इस तोफे को मैं टूटने दूँ, ये मेरी शक्सियत नही। ये मेरी शक्सियत नही। #mohabat #love #shaksiyat #hindipoetry #nojoto #nojotohindi #jism #havas #hasil