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होली अब काफी नजदीक आ गई है हर तरफ़ हर जगह रंग - गु

होली अब काफी नजदीक आ गई है
हर तरफ़ हर जगह रंग - गुलाल उड़ने लगा है
कल हमारे राप्ती हास्टल में भी इसका चटक रंग देखने को मिला
होली के इस खुमार में हमारे "नीरज सर" ने ठनडई का भी वितरण किया
ठनडई पीकर सभी छात्र होली के मस्ती में सराबोर हो गए
इसके बाद अपने ही धुन में गाते - गुनगुनाते हुए छात्रो
ने राप्ती हास्टल से नरेंद्र उद्यान तक अपनी टोली के साथ जमकर होली खेले
इस दौरान छात्रों ने एक - दूसरे को रंग गुलाल लगाकर गले मिलने के साथ जमकर डांस भी किया
वहीं, Horticultre और Agriculture के कुछ छात्र ने  नरेंद्र उद्यान में शेरो - शायरी में अपने दाव भी आजमाएं
इस प्रकार राप्ती , अनोमा, और सरस्वती हास्टल के समस्त छात्रों ने मुख्य परिसर में जमकर होली खेली। होली अब काफी नजदीक आ गई है
हर तरफ़ हर जगह रंग - गुलाल उड़ने लगा है
कल हमारे राप्ती हास्टल में भी इसका चटक रंग देखने को मिला
होली के इस खुमार में हमारे "नीरज सर" ने ठनडई का भी वितरण किया
ठनडई पीकर सभी छात्र होली के मस्ती में सराबोर हो गए
इसके बाद अपने ही धुन में गाते - गुनगुनाते हुए छात्रो
ने राप्ती हास्टल से नरेंद्र उद्यान तक अपनी टोली के साथ जमकर होली खेले
इस दौरान छात्रों ने एक - दूसरे को रंग गुलाल लगाकर गले मिलने के साथ जमकर डांस भी किया
होली अब काफी नजदीक आ गई है
हर तरफ़ हर जगह रंग - गुलाल उड़ने लगा है
कल हमारे राप्ती हास्टल में भी इसका चटक रंग देखने को मिला
होली के इस खुमार में हमारे "नीरज सर" ने ठनडई का भी वितरण किया
ठनडई पीकर सभी छात्र होली के मस्ती में सराबोर हो गए
इसके बाद अपने ही धुन में गाते - गुनगुनाते हुए छात्रो
ने राप्ती हास्टल से नरेंद्र उद्यान तक अपनी टोली के साथ जमकर होली खेले
इस दौरान छात्रों ने एक - दूसरे को रंग गुलाल लगाकर गले मिलने के साथ जमकर डांस भी किया
वहीं, Horticultre और Agriculture के कुछ छात्र ने  नरेंद्र उद्यान में शेरो - शायरी में अपने दाव भी आजमाएं
इस प्रकार राप्ती , अनोमा, और सरस्वती हास्टल के समस्त छात्रों ने मुख्य परिसर में जमकर होली खेली। होली अब काफी नजदीक आ गई है
हर तरफ़ हर जगह रंग - गुलाल उड़ने लगा है
कल हमारे राप्ती हास्टल में भी इसका चटक रंग देखने को मिला
होली के इस खुमार में हमारे "नीरज सर" ने ठनडई का भी वितरण किया
ठनडई पीकर सभी छात्र होली के मस्ती में सराबोर हो गए
इसके बाद अपने ही धुन में गाते - गुनगुनाते हुए छात्रो
ने राप्ती हास्टल से नरेंद्र उद्यान तक अपनी टोली के साथ जमकर होली खेले
इस दौरान छात्रों ने एक - दूसरे को रंग गुलाल लगाकर गले मिलने के साथ जमकर डांस भी किया

होली अब काफी नजदीक आ गई है हर तरफ़ हर जगह रंग - गुलाल उड़ने लगा है कल हमारे राप्ती हास्टल में भी इसका चटक रंग देखने को मिला होली के इस खुमार में हमारे "नीरज सर" ने ठनडई का भी वितरण किया ठनडई पीकर सभी छात्र होली के मस्ती में सराबोर हो गए इसके बाद अपने ही धुन में गाते - गुनगुनाते हुए छात्रो ने राप्ती हास्टल से नरेंद्र उद्यान तक अपनी टोली के साथ जमकर होली खेले इस दौरान छात्रों ने एक - दूसरे को रंग गुलाल लगाकर गले मिलने के साथ जमकर डांस भी किया #विचार