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जन जन की बात सुनो सबों को बोलने दो मत रोको किसी को

जन जन की बात सुनो
सबों को बोलने दो
मत रोको किसी को
न अपने कान बंद करो।
नये विचार पनपने दो
स्वतंत मानव को
स्वतंत होकर सोचने दो
मत रोको किसी को
न अपने विचार थोपो।
सांस लेते हाड़ मांस को
हर छन जिंदा होने दो
मत रोको किसी को
न किसी विचार की हत्या करो
न किसी विचार की हत्या होने दो
खुद को भी स्वतंत होने दो।

विक्रम प्रशांत "टूटी पंक्तियाँ" #hindi_poetry  स्वतंत विचार
#tutipanktiyan 
#nojotohindipoetry 

#citysunset
जन जन की बात सुनो
सबों को बोलने दो
मत रोको किसी को
न अपने कान बंद करो।
नये विचार पनपने दो
स्वतंत मानव को
स्वतंत होकर सोचने दो
मत रोको किसी को
न अपने विचार थोपो।
सांस लेते हाड़ मांस को
हर छन जिंदा होने दो
मत रोको किसी को
न किसी विचार की हत्या करो
न किसी विचार की हत्या होने दो
खुद को भी स्वतंत होने दो।

विक्रम प्रशांत "टूटी पंक्तियाँ" #hindi_poetry  स्वतंत विचार
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