दोषों से घिरा मेरा कल दोषों से भरा मेरा कल था तन्हाई में बिता हर पल था पर आज सम्भल गयी हु मैं आज भूत को छोड़, वर्तमान में जी रही हूँ मैं।। ਅਨੁਪਮਾ ਵਰਮਾ अल्फाज ऐ दिल