दोस्तों मेरा वैलेंटाइन है मेरी माँ जिसने मुझे सबसे अधिक प्यार दिया है जब भी मुझे कोई तकलीफ हुई सबसे ज्यादा वो दुखी हुई । मै किसी पाश्चात्य सभ्यता का विरोधी नहीं हूँ लेकिन भारतीय सभ्यता को डूबता हुआ देख भी नहीं सकता । दोस्तों मेरा वलेंटाइन है गंगा का वो निर्मल जल और राजस्थान में दूर दूर तक फैली रेत की चादर पर्वतो पर फैली हुई चट्टानें और मदमस्त पवनो का आलिंगन करने वाले वन । दोस्तों जो वलेंटाइन का मजा इन सबके साथ है वो किसी और में तो हो ही नहीं सकता । मै उन युवा लोगो से आग्रह करूँगा की क्यों न एक वलेंटाइन डे प्रकृति और परिवार के साथ मानाने की सभ्यता की सुरुआत की जाय हम हिन्दुस्तानी इतिहास लिखने मे तो आगे है ही क्यों न एक और इबादत इतिहास के नाम क़र दी जाय । भरोसा मत करें सांसो की डोरे टूट जाती है, छते महफूज रहती है बरेडे टूट जाती है, लड़कपन में किये वादे की कीमत कुछ नहीं होती, अंगूठी हाँथ में होती है मंगनी टूट जाती है । ©Rahul Tripathi #Valentine_week Day #ValentineDay