दर्द को कुछ इस तरह अपना चूका हूँ,मैं अपना न मिले कोई दर्द, तो अक्सर औरो के दर्द से, दिल बहला चूका हूँ,मैं की कहीं कोई छीन न ले मुझसे, मेरा ये दर्द-ऐ-सुकून, डर में सारे अरमानों को अपने, लक़ीर के उस पार दफ़ना चूका हूँ,मैं। #दर्द # #nojotobalaghat