आज मुद्दतो बाद फिर से वो चाँद सा चेहरा नजर आया मेरे सामने, कि फिर से वो धुंधला सा ख़्वाब नजर आया है मेरे सामने, हो जाती थी बरसात इन आँखों में जिसे सोचकर फिर से वही वो याद नजर आया है मेरे सामने, झूम उठता था ये दिल जिन्हें देखकर फिर से वही वो चाँद सा चेहरा नजर आया है मेरे सामने, पर अब क्या फायदा जब रहना ही नही तुझे मेरे सामने @maurya चाँद सा चेहरा