मैं टूट सा जाता हू तेरी दूर होने कि ख़्यालों से ही,, और तू अब मुझसे दूर होना चाहती हो, भला अब मैं कैसे ये जिंदगी जिये गे सनम, अंसारी,, अब तो मौत आ जाए तो बेहतर होगी,,, Door jana chahti ho,,