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पल्लव की डायरी हुये मन अशांत,चेतन्यता शून्य में जा

पल्लव की डायरी
हुये मन अशांत,चेतन्यता शून्य में जाती है
सजा है माहौल भौतिकता का
क्लेशो में,अंतर्मन की आवाज दबी जाती है
ज्ञान ध्यान बोधिपथ,वर्चस्व में डूबे
अहिंसा करुणा दया,मन से जाती है
मजहबो के द्वन्दों में,दुनियाँ हिंसा फैलाती है
सिंहासनों ने धर्म कैद कर लिये
कट्टरता के बीज, नफरत बोते है
जीने की शैली,शांती पथ पर बढे
आचरणों से,राजमार्ग सुशोभित होते है
मंदिर मस्ज़िद गुरूद्वारे सिर्फ पहचान है
मार्ग और लक्ष्य सबका शांति चुनना है
चेतन्यता में सभी जिये,आत्ममुग्ध बनना है
बेहोशी में मन लगाकर
हिंसा का तांडव नही करना है
                                         प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #God हुये मन अशांत,चेतन्यता शून्य में जाती है
पल्लव की डायरी
हुये मन अशांत,चेतन्यता शून्य में जाती है
सजा है माहौल भौतिकता का
क्लेशो में,अंतर्मन की आवाज दबी जाती है
ज्ञान ध्यान बोधिपथ,वर्चस्व में डूबे
अहिंसा करुणा दया,मन से जाती है
मजहबो के द्वन्दों में,दुनियाँ हिंसा फैलाती है
सिंहासनों ने धर्म कैद कर लिये
कट्टरता के बीज, नफरत बोते है
जीने की शैली,शांती पथ पर बढे
आचरणों से,राजमार्ग सुशोभित होते है
मंदिर मस्ज़िद गुरूद्वारे सिर्फ पहचान है
मार्ग और लक्ष्य सबका शांति चुनना है
चेतन्यता में सभी जिये,आत्ममुग्ध बनना है
बेहोशी में मन लगाकर
हिंसा का तांडव नही करना है
                                         प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #God हुये मन अशांत,चेतन्यता शून्य में जाती है