इल्म इन्सानियत की गर सीखी होती,तो यूँ बेरहम वो होते नहीं। हर तरफ खूँ ही खूँ जब देखता है कोई,क्या चैन से सोते कहीं। मुहब्बत तो बहाना है साहेब,जिंदगी बस मिल्कियत से चलती है। केवल बस फायदा जब ढूँढता हो कोई,तो हमदर्दी कहाँ पलती है।। ©Bharat Bhushan pathak #untouchableemotions#nojoto#nojotohindi