तेरी आंँखों की शोखियांँ बहुत कमाल करती हैं, तड़पाती है मुझे रात और दिन बवाल करती हैं। मचलती रहती हैं तुझको ही हमेशा देखने को, दुआ में शाम-ओ-पहर तेरा ही ख्याल करती हैं। पहले तुझे देख कर शर्मा कर झुक जाती हैं, फिर तेरे जाने के बाद खुद से मलाल करती हैं। ♥️ Challenge-504 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।