मेरी प्यारी कविता, अब तो लगता है मानों प्रतिपल तुम ही रगो में बहती हो, तुम जियो अपने हिसाब से "हृदय" हर पल ये ही कहती हो। तुम गाढ़े केसरिया रंग-सी अब मुझ पर सतत् ही चढ़ती हो, बिन तुम्हारे फ़ीका है सब कुछ तुम मेरी ज़रुरत-सी लगती हो। मेरी आँखो में बन अनेक स्वप्न सुनहरे तुम ही तो पलती हो, ये रिश्ता है कुछ यूँ कि मेरे संग तुम हर्ष-विषाद में ढ़लती हो। मानों कभी न छूटने वाली मेरी पूरानी आदतों-सी लगती हो, मेरे संग ही अलविदा कहोगी जहां को तगड़ी लत-सी लगती हो। -Rekha $harma "मंजुलाहृदय" ◾ ©Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" #मेरी_प्यारी_कविता #कविता #मंजुलाहृदय #आदत #लत #क़लम #क़लमकार #power_of_words #pen #Rekhasharma