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सवेरा ब्रम्हमुहूर्त का आभास हुआ मिठ्ठी

सवेरा
  
    ब्रम्हमुहूर्त का आभास हुआ
    मिठ्ठी धुन में राग मल्हार हुए
    पंछियों की टोली के सप्तम स्वर के गान हुए 
    स्वर से स्वरों का मेल हुआ 
    उठो जागो प्रिय सवेरा हुआ ।

    नभ ऊषा से रवि किरणों ने पंख पखारा है
    आसमान ने पीताम्बर सा रंग निखारा है 
    फूल खिले कलिया महकी 
    गुन गुन गुंजन करते भँवरों का आगमन हुआ 
    उठो जागो प्रिय सवेरा हुआ
                                             "विकास"

©Vikas Sharma #Love #Life #Life_experience #mohabbat #Heart #Man #Aanchal #pal #pallavikumari 
#Morning
सवेरा
  
    ब्रम्हमुहूर्त का आभास हुआ
    मिठ्ठी धुन में राग मल्हार हुए
    पंछियों की टोली के सप्तम स्वर के गान हुए 
    स्वर से स्वरों का मेल हुआ 
    उठो जागो प्रिय सवेरा हुआ ।

    नभ ऊषा से रवि किरणों ने पंख पखारा है
    आसमान ने पीताम्बर सा रंग निखारा है 
    फूल खिले कलिया महकी 
    गुन गुन गुंजन करते भँवरों का आगमन हुआ 
    उठो जागो प्रिय सवेरा हुआ
                                             "विकास"

©Vikas Sharma #Love #Life #Life_experience #mohabbat #Heart #Man #Aanchal #pal #pallavikumari 
#Morning