सवेरा ब्रम्हमुहूर्त का आभास हुआ मिठ्ठी धुन में राग मल्हार हुए पंछियों की टोली के सप्तम स्वर के गान हुए स्वर से स्वरों का मेल हुआ उठो जागो प्रिय सवेरा हुआ । नभ ऊषा से रवि किरणों ने पंख पखारा है आसमान ने पीताम्बर सा रंग निखारा है फूल खिले कलिया महकी गुन गुन गुंजन करते भँवरों का आगमन हुआ उठो जागो प्रिय सवेरा हुआ "विकास" ©Vikas Sharma #Love #Life #Life_experience #mohabbat #Heart #Man #Aanchal #pal #pallavikumari #Morning