बहुत निष्ठुर समय आया, भयानक रूप धर करके। चला संसार को वह तज, काल से आज लड़ करके। विदाई ले चला वह मन हमारा ये दुखाया है, पुष्प एक और टूटा है, चला बन वायु उड़ करके।। ©Avdhesh Kanojia #rohitsardana #RIP #rip🙏 #SAD #SAD #sad_poetry बहुत निष्ठुर समय आया, भयानक रूप धर करके। चला संसार को वह तज, काल से आज लड़ करके। विदाई ले चला वह मन हमारा ये दुखाया है, पुष्प एक और टूटा है, चला बन वायु उड़ करके।। ✍️अवधेश कनौजिया©