पिंजरे की चिड़ियाँ बनकर अब मुझको बिल्कुल नहीं रहना है। आजाद परिंदों के जैसे मुझको भी अब खुले गगन में उड़ना है। रोक ना पाएगा अब कोई भी मुझको और मेरी ऊंची उड़ानों को, तोड़ देना है सारी जंजीरों को कैद में मुझे बिल्कुल नहीं रहना है। बेटी हूं तो क्या हुआ बेटों से ज्यादा आगे बढ़कर मैं दिखाऊंगी। करूंगी नाम जिंदगी में रोशन, बस आगे ही आगे बढ़ती जाऊंगी। यह COLLAB के लिए खुला है।✨💫 अपने सुसज्जित विचारों व शब्दों के साथ इस पृष्ठभूमि को सजायेंl✒️✒️ • PROFOUND WRITERS द्वारा दी गई इस चुनौती को पूरा करें। 💎 • अपने दिल की भावनाओं को शब्दों में पिरोकर इस अद्भुत पृष्ठभूमि की सुंदरता बढ़ाएं।