अब वो सादगी वाली बात रही कहाँ स्याहों में, अब तो मात्र दो शब्द लिखने वाले भी करने लगे हैं सैकड़ों-दर्ज़न प्रचार...!!! बस सब दिखावे का खेल बन गया है हृदय! भावों का अभाव, सम्मान का श्राद्ध शेष वर्तमान रचनाओं से झांकता विचार...!!! -रेखा "मंजुलाहृदय" ©Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" आम कलम की सोच📆✒ #Lifelight #कलमकार #कलम #Pen #writer #मंजुलाहृदय