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खंजर से मिले जख्म पर, खंजर से मरहम लगाने निकले हैं

खंजर से मिले जख्म पर, खंजर से मरहम लगाने निकले हैं 
पुराने हो चुके जख्म को फिर से, वो नया बनाने निकले हैं 

जो खुद फकत इक दाग है, "चंचल" जिंदगी पर अपनी 
वो उस दाग को ही, अपनी जिंदगी पर लगाने निकले हैं।

©चंचल Mahaur स्वर' खंजर से मिले जख्म पर, खंजर से मरहम लगाने निकले हैं 
पुराने हो चुके जख्म को फिर से, वो नया बनाने निकले हैं 

जो खुद फकत इक दाग है, "चंचल" जिंदगी पर अपनी 
वो उस दाग को ही, अपनी जिंदगी पर लगाने निकले हैं। 
😊👀🤞
#चंचल_माहौर 'स्वर'
खंजर से मिले जख्म पर, खंजर से मरहम लगाने निकले हैं 
पुराने हो चुके जख्म को फिर से, वो नया बनाने निकले हैं 

जो खुद फकत इक दाग है, "चंचल" जिंदगी पर अपनी 
वो उस दाग को ही, अपनी जिंदगी पर लगाने निकले हैं।

©चंचल Mahaur स्वर' खंजर से मिले जख्म पर, खंजर से मरहम लगाने निकले हैं 
पुराने हो चुके जख्म को फिर से, वो नया बनाने निकले हैं 

जो खुद फकत इक दाग है, "चंचल" जिंदगी पर अपनी 
वो उस दाग को ही, अपनी जिंदगी पर लगाने निकले हैं। 
😊👀🤞
#चंचल_माहौर 'स्वर'