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मेरी रूह में उसके दिए हुए जख्मो के निशा बाकी है। व

मेरी रूह में उसके दिए हुए जख्मो के निशा बाकी है।
वो बगावत करता है हमसे पर जख्मो के हिसाब बाकी है।

कल गए थे उसके चाहत के मयखाने में।
अभी कई सदी के जख्मो के हिसाब बाकी है

नीतिन तोमर
मेरी रूह में उसके दिए हुए जख्मो के निशा बाकी है।
वो बगावत करता है हमसे पर जख्मो के हिसाब बाकी है।

कल गए थे उसके चाहत के मयखाने में।
अभी कई सदी के जख्मो के हिसाब बाकी है

नीतिन तोमर