कोई ऐसी शायरी निकाल पिटारे से जो शायरों में तुझे मखसूस कर दे इन्तकाल हो चुका है मेरे कई शेरों का कहीं ये आखिरी न हो न जाये ऐ खुदा इसमें जान भर दे कि मेरा भी नाम हो अजीम शायरों में ऐ खुदा बस मेरी ये हसरत तू हर हाल में पूरी कर दे मखसूस-प्रधान,अजीम- आकार में बडा़ आयुष कुमार गौतम ऐसी शायरी निकाल पिटारे से