लाओ मोहब्बत का सारा हिसाब रख देता हूँ पास आओ मेरे सर पे मैं ताज रख देता हूँ!! नींद लगी अब, सोने का भी इंतजाम करना है आज सोने से पहले बिस्तर पे शराब रख देता हु!! तेरे होठों की खुशबू ना जाने कहा खो गईं होठों को करीब ला इनमें टुटा गुलाब रख देता हूँ!! तेरे हुस्न में नहीं हैअब जाम जैसा मिठास। इक काम करता हूँ तेरे हुस्न में नकाब रख देता हूँ!! कुछ बेवफाओ का जिक्र है जिंदगी में अंधेरा है, भगवान कसम उनके सर पे आज चांद रख देता हूँ!! सुरज से कहीं ज्यादा लोग मुझसे जलने लगे है उन्हें पता नहीं हम एक कब्र में कई मुमताज रख देता हूँ!! Navneet Choudhary'नीत' #नीत