#OpenPoetry हाँ......आज आजाद हूँ मैं....... सपनों को पूरा करने के लिए आबाद हूँ मैं जिंदगी जीने की अब नही वो पुरानी रीत है खूब पढ़ने लिखने मे ही हम लडकियों की जीत है हर समय सम्मान से खड़ी रही हूँ मै पढने के साथ पका भी रही हूँ मै बेटी हुई है सुनकर मनाया मेरे पिता ने पर्व था बेटी पैदा होने पर उन्हे बेहद गर्व था #OpenPoetry #myselfwriiten please mere dosto mene khud likha h love jarur dena. khi se churya nhi h Please support 😊😊😊😊