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यू तो राम जी के जीवन के सभी गुण सीखने लायक हैं पर

यू तो राम जी के जीवन के सभी गुण सीखने लायक हैं पर अगर कुछ गुणों को अपना लिया जाए तो जीवन सकारात्मक और अच्छाई की ओर अग्रसर हो सकता है जो कि निम्न प्रकार के है...
उनकी वाणी उनकी वाणी में सदैव शीतलता है चाहे कितने भी क्रोध में हो शत्रु से हो या किसी से भी वार्तालाप करते थे हमेशा वाणी में मिठास रखते थे।

कर्तव्य परायणता:- वो कर्तव्य पर वह हमेशा डटे रहते थे।

धैर्य:-जिस भी परिस्थिति में रहते थे सदैव धैर्य से व्यवहार करते थे।

सत्यवादी:- वह हमेशा सत्य की राह पर चलते थे,चाहे परिस्थिति जो भी हो वह कभी झूठ का सहारा नहीं लेते थे।

सेवा भाव:- मातृ,पितृ और गुरुजनों के प्रति सदैव मन में सेवा भाव रखते थे।

 शांत रहने का गुण:- कभी-कभी व्यक्ति क्रोध में न जाने क्या-क्या बोल देता है जिसका उसे बाद में पछतावा रहता श्री राम पुरुषों में उत्तम इसीलिए कहलाते हैं क्योंकि उनमें मौन रहने का सर्वश्रेष्ठ कौन था वह अच्छे वक्ता ही नहीं बल्कि अच्छे श्रोता भी थे।

 स्त्रियों का सम्मान करना:- उनका यह गुण सबसे अधिक विशेष लगा मुझे क्योंकि आज के समाज को बहुत जरूरत है इस गुण को अपनाने की सीखने की उन्होंने अपने जीवन में कभी किसी स्त्री का अनादर नहीं किया था और ना वो महिलाओं पर अत्याचार करते थे श्रीराम ने बहु विवाह की प्रथा भी तोड़ी क्योंकि वह अपनी पत्नी सीता को सम्मान से रखना चाहते थे इन्हीं सब गुणों के कारण वो “मर्यादा पुरुषोत्तम राम” कहलाते थे। उनका पूरा जीवन ही हमें अच्छी शिक्षा देता है कि हम उनके अच्छे गुणों को अपनाकर अपना जीवन सरल और सफल बना सकते हैं। #Ram_Navmi #positivity #life
यू तो राम जी के जीवन के सभी गुण सीखने लायक हैं पर अगर कुछ गुणों को अपना लिया जाए तो जीवन सकारात्मक और अच्छाई की ओर अग्रसर हो सकता है जो कि निम्न प्रकार के है...
उनकी वाणी उनकी वाणी में सदैव शीतलता है चाहे कितने भी क्रोध में हो शत्रु से हो या किसी से भी वार्तालाप करते थे हमेशा वाणी में मिठास रखते थे।

कर्तव्य परायणता:- वो कर्तव्य पर वह हमेशा डटे रहते थे।

धैर्य:-जिस भी परिस्थिति में रहते थे सदैव धैर्य से व्यवहार करते थे।
यू तो राम जी के जीवन के सभी गुण सीखने लायक हैं पर अगर कुछ गुणों को अपना लिया जाए तो जीवन सकारात्मक और अच्छाई की ओर अग्रसर हो सकता है जो कि निम्न प्रकार के है...
उनकी वाणी उनकी वाणी में सदैव शीतलता है चाहे कितने भी क्रोध में हो शत्रु से हो या किसी से भी वार्तालाप करते थे हमेशा वाणी में मिठास रखते थे।

कर्तव्य परायणता:- वो कर्तव्य पर वह हमेशा डटे रहते थे।

धैर्य:-जिस भी परिस्थिति में रहते थे सदैव धैर्य से व्यवहार करते थे।

सत्यवादी:- वह हमेशा सत्य की राह पर चलते थे,चाहे परिस्थिति जो भी हो वह कभी झूठ का सहारा नहीं लेते थे।

सेवा भाव:- मातृ,पितृ और गुरुजनों के प्रति सदैव मन में सेवा भाव रखते थे।

 शांत रहने का गुण:- कभी-कभी व्यक्ति क्रोध में न जाने क्या-क्या बोल देता है जिसका उसे बाद में पछतावा रहता श्री राम पुरुषों में उत्तम इसीलिए कहलाते हैं क्योंकि उनमें मौन रहने का सर्वश्रेष्ठ कौन था वह अच्छे वक्ता ही नहीं बल्कि अच्छे श्रोता भी थे।

 स्त्रियों का सम्मान करना:- उनका यह गुण सबसे अधिक विशेष लगा मुझे क्योंकि आज के समाज को बहुत जरूरत है इस गुण को अपनाने की सीखने की उन्होंने अपने जीवन में कभी किसी स्त्री का अनादर नहीं किया था और ना वो महिलाओं पर अत्याचार करते थे श्रीराम ने बहु विवाह की प्रथा भी तोड़ी क्योंकि वह अपनी पत्नी सीता को सम्मान से रखना चाहते थे इन्हीं सब गुणों के कारण वो “मर्यादा पुरुषोत्तम राम” कहलाते थे। उनका पूरा जीवन ही हमें अच्छी शिक्षा देता है कि हम उनके अच्छे गुणों को अपनाकर अपना जीवन सरल और सफल बना सकते हैं। #Ram_Navmi #positivity #life
यू तो राम जी के जीवन के सभी गुण सीखने लायक हैं पर अगर कुछ गुणों को अपना लिया जाए तो जीवन सकारात्मक और अच्छाई की ओर अग्रसर हो सकता है जो कि निम्न प्रकार के है...
उनकी वाणी उनकी वाणी में सदैव शीतलता है चाहे कितने भी क्रोध में हो शत्रु से हो या किसी से भी वार्तालाप करते थे हमेशा वाणी में मिठास रखते थे।

कर्तव्य परायणता:- वो कर्तव्य पर वह हमेशा डटे रहते थे।

धैर्य:-जिस भी परिस्थिति में रहते थे सदैव धैर्य से व्यवहार करते थे।
priyagour7765

Priya Gour

Gold Star
Super Creator
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#Ram_Navmi #positivity #Life यू तो राम जी के जीवन के सभी गुण सीखने लायक हैं पर अगर कुछ गुणों को अपना लिया जाए तो जीवन सकारात्मक और अच्छाई की ओर अग्रसर हो सकता है जो कि निम्न प्रकार के है... उनकी वाणी उनकी वाणी में सदैव शीतलता है चाहे कितने भी क्रोध में हो शत्रु से हो या किसी से भी वार्तालाप करते थे हमेशा वाणी में मिठास रखते थे। कर्तव्य परायणता:- वो कर्तव्य पर वह हमेशा डटे रहते थे। धैर्य:-जिस भी परिस्थिति में रहते थे सदैव धैर्य से व्यवहार करते थे। #nojotohindi #nojotoapp #विचार #nojotonews #nojotothought