चाँद की चाँदनी तु सूर्य की किरण तु, धरती की गहराई तु असमान की ऊंचाई तु, औरत का सम्मान तु पुरुष का अभिमान तु, सितारों की चमक तु ब्रह्मांड की ताकत तु, अमृत की थाली तु विष की प्याली तु, स्वर्ग की रानी तु नर्क की धारिणी तु, ब्रह्मा की सरस्वती तु शिव की शक्ति तु, विष्णु की लक्ष्मी तु इंद्र की इंद्राणी तु, त्रिशूल की काट तु चक्र की धार तु, आरम्भ भी तु अंत भी तु, अनेक नाम वाली तु असंख्य रूप वाली तु, दयालु तु कृपालु तु भय को भागने वाली तु, दुर्गा तु काली तु अंबा तु जगदम्बा तु, अन्नपूर्णा तु चंडी तु चामुंडा तु महामाया तु, कण कण मे वास करने वाली तु, मेरे मन मे विराज करने वाली तु, आशीष तेरा मेरे संकट हरे साथ तेरा मुझे सही राह धरे, पुकार मेरी तु हमेशा सुने हर पाप से मुझे मुक्त करे, मुश्किलों से मुझे बचाए कोई संकट मुझे छू ना पाए, बरसो का साथ कभी ना छोड़ना हमेशा मेरे हृदय में रहना!! चाँद की चाँदनी तु सूर्य की किरण तु, धरती की गहराई तु असमान की ऊंचाई तु, औरत का सम्मान तु पुरुष का अभिमान तु, सितारों की चमक तु ब्रह्मांड की ताकत तु, अमृत की थाली तु विष की प्याली तु, स्वर्ग की रानी तु नर्क की धारिणी तु, ब्रह्मा की सरस्वती तु शिव की शक्ति तु, विष्णु की लक्ष्मी तु इंद्र की इंद्राणी तु,