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रोज रात राहगीर रास्ते रहा रटता सुबह सभी सामान संभा

रोज रात राहगीर रास्ते रहा रटता
सुबह सभी सामान संभालता समेटता,
भोग भरम ,भारी भार,
कुछ कम किए कहीं किरदार,
चंचल चित्त,चरम चित्कार,
बहुत बरकतें,बहाई बेशुमार
छैल छबिली, छोडी छाया,
पहला पगला, प्रेम पराया,
विदा वो वक्त,विदा वो वादे,
तमाम तिलस्म,तब तेरे त्यागे,
हर हल हुआ,हुजूम हुआ हल्का है,
मंजिल मिली मगर मन मलता मैं ।। #yqbaba #yqdidi #hindi #hindipoetry #weightoflove #weight #journey #poetry
रोज रात राहगीर रास्ते रहा रटता
सुबह सभी सामान संभालता समेटता,
भोग भरम ,भारी भार,
कुछ कम किए कहीं किरदार,
चंचल चित्त,चरम चित्कार,
बहुत बरकतें,बहाई बेशुमार
छैल छबिली, छोडी छाया,
पहला पगला, प्रेम पराया,
विदा वो वक्त,विदा वो वादे,
तमाम तिलस्म,तब तेरे त्यागे,
हर हल हुआ,हुजूम हुआ हल्का है,
मंजिल मिली मगर मन मलता मैं ।। #yqbaba #yqdidi #hindi #hindipoetry #weightoflove #weight #journey #poetry
namitraturi9359

Namit Raturi

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