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इस धरा पर चारू अलौकिक धाम है रोज सुबह उठकर करते हम

इस धरा पर चारू अलौकिक धाम है
रोज सुबह उठकर करते हम प्रणाम
करते जिनका वन्दन भी हम
निज लहूँ अभिषेक से रण मे...
 ....
कुमार गिरीश
9 6 6 7 7 1 3 5 2 2 is Dhara par
इस धरा पर चारू अलौकिक धाम है
रोज सुबह उठकर करते हम प्रणाम
करते जिनका वन्दन भी हम
निज लहूँ अभिषेक से रण मे...
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कुमार गिरीश
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